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इस वजह से प्रभु राम ने छोड़ा था माँ सीता को, बचपन में किया था ऐसा कांड | जानिए..
Jan 02 2019
रामायण में ऐसी बहुत सी बाते है जो आम लोगो को पता नहीं है | क्योकि उनका वर्णन महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित पुस्तक सम्पूर्ण रामायण में नहीं क्या गया है | यह बाते सिर्फ दंतकथाओं और अन्य ऋषियों द्वारा रचित रामायण के माध्यम से लोगो तक पहुंची है | दुनिया जानती है की भगवान श्री राम और माता सीता अपने जीवन में कभी भी सुखी नहीं रह सके थे | पहले 14 वर्ष का बनवास और बाद में राम विच्छोह ही सीता माता को सहना पड़ा था | लेकिन क्या आप जानते है की सीता माता को श्री राम से क्यों अलग होना पड़ा था | आज हम आपको इसके पीछे का रहस्य बताने जा रहे है |
भगवान श्री राम और माता सीता के विच्छोह का कारण अधिकांशतः लोग यह बताते है की एक धोबी जाति के व्यक्ति के कारण माता सीता को बनवास झेलना पड़ा था | लेकिन इसकी वजह यह नहीं बल्कि कोई और है | जब आप इसे सुनेंगे हो हैरान हो जाएंगे | लेकिन यही सत्य है |
एक बार माता सीता बचपन में अपनी सहेलियों के साथ खेल रही थी | जहाँ उसे एक तोता और मैना बोलते हुए दिखाई दे रहे थे | उनकी बातो को माता सीता ने चुपके से सुना था | उनमे बाते हो रही थी की भगवान विष्णु के अवतार राम का विवाह मिथिला की राजकुमारी सीता के साथ होगा | इसके बाद माता सीता ने उन्हें पकड़ लिया |
उनसे सीता माता ने पूछा की तुम किसके बारे में बात कर रहे थे | मैं ही सीता हूँ | इसके बाद सीता उन्हें अपने घर में ले आई | उन्हें पिंजरे में बंद कर दिया | फिर उनसे पूछा की तुमने यह बाते कहाँ सुनी थी | तोते ने कहा की यह बाते महर्षि वाल्मीकि से उन्होंने सुनी थी | जब तक मेरा विवाह राम से नहीं हो जाता तब तक तोता और मैना को पिंजरे में रहने के लिए कहा | इस पर तोते ने जवाब दिया की हम आकाश के प्राणी है | हम पिंजरे में नहीं रह सकते है |
सीता ने तोते को आजाद कर दिया और मैना को कैद कर लिया | इसके बाद सीता ने कहा की जब तक मेरी श्री राम से शादी नहीं हो जाती तब तक तुम ऐसे ही रहोगी | मैना ने सीता से बहुत याचना की | लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ | इसके पश्चात् क्रोधित होकर माता सीता को मैना ने श्राप दिया कहा की इस समय मैं गर्भवती हूँ और तुमने मुझे इस स्थिति में अपने पति से अलग किया है | जिस राम के लिए तुम यह सब कर रही हो | वह राम तुम्हे एक दिन छोड़ देंगे |
जिस प्रकार मुझे मेरे पति ने इच्छा विरुद्ध मुझे छोड़ा है और मैं अपने दाम्पत्य जीवन का सुख नहीं देख सकी | उसी प्रकार तुम अपने पति के साथ दाम्पत्य जीवन का सुख नहीं देख सकोगी | लेकिन कुछ इतिहासकार इस बात को सही नहीं बताते है | उनका कहना था की महर्षि वल्कि ने अपनी रामायण भगवान श्री राम अयोध्या पुनः आगमन के बाद लिखना शुरू किया था तो यह बीच में तोता और मैना की कहानी कहाँ से आ गई | इसलिए इस बात को पूर्ण दावे के साथ कहना गलत होगा |
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